List of services

  • What's New

    वाराणसी शहर की पहचान इसके घाटों से होती है.

     वाराणसी, जिसे काशी या बनारस भी कहा जाता है, गंगा नदी के किनारे बसा एक प्राचीन और पवित्र शहर है। इस शहर की पहचान इसके घाटों से होती है, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यहाँ के प्रमुख घाटों का वर्णन इस प्रकार है:

    1. दशाश्वमेध घाट

    दशाश्वमेध घाट वाराणसी का सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन घाट है। इसे भगवान ब्रह्मा द्वारा भगवान शिव का स्वागत करने के लिए बनाया गया माना जाता है। यहां हर शाम भव्य गंगा आरती होती है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

    2. अस्सी घाट

    अस्सी घाट, गंगा और अस्सी नदी के संगम पर स्थित है। यह घाट विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रसिद्ध है जो ध्यान, योग और शांति की खोज में आते हैं। यह घाट बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के करीब है, और सुबह के समय यहाँ "सुबहे बनारस" नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होता है।

    3. मणिकर्णिका घाट

    मणिकर्णिका घाट वाराणसी का सबसे प्रमुख श्मशान घाट है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यहां पर अंतिम संस्कार करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस घाट का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है, और यहां जीवन और मृत्यु के चक्र को नजदीक से देखा जा सकता है।

    4. हरिश्चंद्र घाट

    हरिश्चंद्र घाट वाराणसी का दूसरा प्रमुख श्मशान घाट है। यह राजा हरिश्चंद्र की कथा से जुड़ा है, जिन्होंने सत्य और धर्म की रक्षा के लिए अपने बेटे को भी यहां पर दाह संस्कार के लिए समर्पित कर दिया था। यहां भी मणिकर्णिका की तरह अंतिम संस्कार होते हैं।

    5. राजेंद्र प्रसाद घाट

    यह घाट स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखा गया है। यह दशाश्वमेध घाट के निकट स्थित है और यहां भी शाम की आरती का आयोजन होता है।

    6. शिवाला घाट

    शिवाला घाट अपने शांत वातावरण और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह घाट वाराणसी के शाही परिवार से भी जुड़ा है और यहां स्थित मंदिरों का अपना अलग महत्व है।

    7. भोजुबीर घाट

    भोजुबीर घाट स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय है और यहां पर गंगा स्नान के लिए लोग आते हैं। इस घाट का धार्मिक महत्व भले ही अन्य प्रमुख घाटों की तरह हो, लेकिन यह स्थानीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

    8. केदार घाट

    केदार घाट दक्षिण भारत की शैली में बने केदारेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह घाट काशी में दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है।

    9. पंचगंगा घाट

    यह घाट गंगा, यमुना, सरस्वती, किरणा और धूतपापा नामक पांच पवित्र नदियों के संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। इस घाट पर दत्तात्रेय मंदिर और अलमगीर मस्जिद स्थित हैं, जो मुगल और हिंदू वास्तुकला का मिश्रण प्रस्तुत करते हैं।

    10. तुलसी घाट

    तुलसी घाट गोस्वामी तुलसीदास से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने यहाँ पर "रामचरितमानस" की रचना की थी। इस घाट पर हर साल रामलीला का आयोजन भी होता है।

    11. सिंधिया घाट

    सिंधिया घाट एक प्रसिद्ध घाट है, जो सिंधिया राजवंश द्वारा बनाया गया था। यहां पर अति प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जो गंगा में डूबा हुआ है।

    12. दरभंगा घाट

    दरभंगा घाट अपनी भव्यता और शानदार स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। यह घाट दरभंगा के महाराजा द्वारा बनवाया गया था और आज भी इसके महलों की अद्भुत सुंदरता देखने लायक है।

    13. मुंशी घाट

    मुंशी घाट ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसे मुंशी श्रीधर बल्देव द्वारा बनवाया गया था। यह घाट अपने स्थापत्य और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

    14. नागवाला घाट

    नागवाला घाट वाराणसी के प्रमुख घाटों में से एक है, जो नागपंचमी के अवसर पर विशेष रूप से सजता है। इस दिन यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

    15. अहिल्याबाई घाट

    इस घाट का निर्माण मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। यह घाट अपनी शुद्धता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

    16. चितरघंटा घाट

    चितरघंटा घाट एक शांत और कम भीड़-भाड़ वाला घाट है, जो ध्यान और आत्मचिंतन के लिए उपयुक्त है। यहां का वातावरण शांति से भरपूर है।

    वाराणसी के घाट केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे भारतीय संस्कृति, इतिहास, और परंपराओं का सजीव चित्रण भी करते हैं। यहां का हर घाट अपनी अनूठी पहचान और महत्व के साथ एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।

     

    No comments