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    List of all Ghats in Dwarka

     द्वारका, जो हिंदू धर्म में सात पवित्र नगरों में से एक मानी जाती है, गुजरात राज्य के तटीय क्षेत्र पर स्थित है। यह भगवान कृष्ण की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है और द्वारका के घाट इस पवित्र नगर की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाते हैं। द्वारका में कई महत्वपूर्ण घाट हैं, जिनका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। आइए, द्वारका के प्रमुख घाटों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

    Dwarka


    1. गोमती घाट

    गोमती नदी के किनारे स्थित गोमती घाट द्वारका के सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गोमती नदी का उद्गम गोमुख से होता है और यह नदी गंगा की पुत्री मानी जाती है। गोमती नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गोमती घाट पर श्रद्धालु स्नान करते हैं और भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए द्वारकाधीश मंदिर की ओर जाते हैं। यहाँ श्रद्धालु नदी में दीप दान भी करते हैं।

    2. पंचकुई घाट

    यह घाट द्वारका के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जहाँ पर भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों को शिक्षाएं दी थीं। पंचकुई घाट पर पाँच कुएँ हैं, जो धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन कुओं के जल से स्नान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। यहाँ पर भगवान के विभिन्न रूपों के मंदिर भी स्थित हैं।

    3. रुक्मिणी घाट

    रुक्मिणी घाट रुक्मिणी देवी, जो भगवान कृष्ण की पत्नी थीं, के नाम पर प्रसिद्ध है। यह घाट उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में स्थापित है। यहाँ पर रुक्मिणी देवी का मंदिर भी स्थित है, जहाँ पर श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। रुक्मिणी घाट पर स्नान का धार्मिक महत्व है और इसे अत्यधिक पवित्र माना जाता है।

    4. विश्राम घाट

    यह घाट उस स्थल के रूप में जाना जाता है जहाँ पर भगवान कृष्ण ने अपने प्रवास के दौरान विश्राम किया था। इस घाट का शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे भक्तों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं। यहाँ पर आकर श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं का स्मरण करते हैं।

    5. रुक्मावती घाट

    यह घाट रुक्मिणी की बहन रुक्मावती के नाम पर स्थित है। इस घाट का धार्मिक महत्व है और श्रद्धालु यहाँ आकर पवित्र स्नान करते हैं। यहाँ स्नान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मन की शांति प्राप्त होती है।

    6. नागेश्वर घाट

    नागेश्वर घाट नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित है, जो द्वारका का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। नागेश्वर शिवलिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ आकर श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं और फिर भगवान शिव की पूजा करते हैं। यह स्थल शिवभक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यहाँ पर हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं।

    7. चक्रतीर्थ घाट

    यह घाट भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र से संबंधित है। इस घाट का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। मान्यता है कि इस स्थल पर भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र का प्रयोग किया था। यहाँ स्नान करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है।

    8. गंगाघाट

    यह घाट विशेष रूप से गंगा नदी के जल के प्रति समर्पित है। हालाँकि द्वारका में गोमती नदी बहती है, लेकिन इस घाट का नाम गंगा के साथ जुड़ा हुआ है, जो उसकी पवित्रता और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। श्रद्धालु यहाँ स्नान करते हैं और भगवान कृष्ण और गंगा देवी की आराधना करते हैं।

    9. भद्रकाली घाट

    यह घाट भद्रकाली देवी को समर्पित है, जो देवी काली का एक रूप मानी जाती हैं। इस घाट पर श्रद्धालु देवी की पूजा करते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। भद्रकाली घाट पर स्नान करने से व्यक्ति को जीवन में शक्ति और साहस प्राप्त होता है।

    10. स्वर्ण घाट

    यह घाट अपने नाम के अनुसार स्वर्ण (सोने) की महत्ता को दर्शाता है। यहाँ पर भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़े कई धार्मिक और ऐतिहासिक प्रसंगों का स्मरण किया जाता है। श्रद्धालु यहाँ आकर भगवान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।

    द्वारका के ये सभी घाट धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं और हर साल यहाँ लाखों श्रद्धालु आते हैं। प्रत्येक घाट का अपना एक अलग महत्व है और यह भगवान कृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों से जुड़े हुए हैं। इन घाटों पर स्नान और पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

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