भारत में मिसाइलों के प्रकार
भारत की मिसाइल प्रणाली विश्व की सर्वाधिक विकसित प्रणालियों में से एक मानी जाती है। भारत ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के माध्यम से स्वदेशी मिसाइल निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत की मिसाइलों को उनकी विशेषताओं, मारक क्षमता, रेंज और उद्देश्य के अनुसार विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। इस लेख में हम भारत में निर्मित प्रमुख मिसाइलों और उनके प्रकारों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
🔥 भारत में मिसाइलों के प्रकार (Types of Missiles in India)
भारतीय मिसाइलों को सामान्यतः निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missiles)
बैलिस्टिक मिसाइलें वे मिसाइलें होती हैं जो एक निश्चित मार्ग पर उच्च गति से यात्रा करती हैं और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से लक्ष्य पर गिरती हैं। इन्हें आमतौर पर परमाणु हथियारों के साथ इस्तेमाल किया जाता है।
प्रमुख बैलिस्टिक मिसाइलें:
- अग्नि श्रृंखला (Agni Series):
- अग्नि-I: 700-900 किमी रेंज।
- अग्नि-II: 2,000-3,000 किमी रेंज।
- अग्नि-III: 3,000-5,000 किमी रेंज।
- अग्नि-IV: 4,000 किमी रेंज।
- अग्नि-V: 5,000-8,000 किमी (ICBM क्षमता)।
- अग्नि-VI (विकासाधीन): 10,000+ किमी रेंज (अत्यंत लंबी दूरी की मिसाइल)।
- प्रिथ्वी श्रृंखला (Prithvi Series):
- कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल।
- प्रिथ्वी-I: 150 किमी रेंज (सेना के लिए)।
- प्रिथ्वी-II: 250-350 किमी (वायुसेना के लिए)।
- प्रिथ्वी-III (Dhanush): 350-600 किमी (नौसेना के लिए)।
2. क्रूज मिसाइल (Cruise Missiles)
क्रूज मिसाइलें सतह के करीब उड़ती हैं और बहुत सटीकता के साथ लक्ष्य को नष्ट करती हैं। ये मिसाइलें उच्च गति और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होती हैं।
प्रमुख क्रूज मिसाइलें:
- ब्रह्मोस (BrahMos):
- भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित।
- 290-450
किमी रेंज (नवीनतम संस्करणों में 800+ किमी तक)।
- जमीन, समुद्र और वायु से प्रक्षेपण की क्षमता।
- सुपरसोनिक गति (Mach 2.8–3)।
- निर्भय मिसाइल:
- सबसोनिक क्रूज मिसाइल।
- 1,000+
किमी रेंज।
- विभिन्न प्रकार के वॉरहेड ले जाने में सक्षम।
3. एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM)
ये मिसाइलें टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं।
प्रमुख एंटी-टैंक मिसाइलें:
- नाग मिसाइल:
- थर्ड जेनरेशन फायर एंड फॉरगेट मिसाइल।
- 500
मीटर से 4 किमी तक रेंज।
- इन्फ्रारेड होमिंग सिस्टम से लैस।
- HELINA
(Helicopter Launched Nag):
- हेलीकॉप्टर से लॉन्च होने वाली संस्करण।
- DRDO
द्वारा विकसित।
- MPATGM
(Man Portable ATGM):
- पैदल सैनिकों के उपयोग के लिए।
- 2.5
किमी रेंज।
4. एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (ASAT)
- मिशन शक्ति (Mission Shakti):
- 27 मार्च 2019 को भारत ने एक लाइव सैटेलाइट को अंतरिक्ष में मार गिराने की क्षमता दिखाई।
- भारत इस तकनीक को विकसित करने वाला चौथा देश बना।
5. एयर-टू-एयर मिसाइलें (Air-to-Air Missiles)
ये मिसाइलें एक हवाई जहाज से दूसरी हवाई इकाई को मार गिराने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
प्रमुख मिसाइलें:
- अस्त्र मिसाइल:
- DRDO
द्वारा विकसित।
- 110+
किमी रेंज।
- सक्रिय रडार होमिंग तकनीक।
- R-77,
R-73 (रूसी मिसाइलें):
- भारतीय वायुसेना द्वारा उपयोग की जा रही।
6. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (Surface-to-Air Missiles - SAM)
ये मिसाइलें किसी हवाई हमले से रक्षा के लिए सतह से हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने हेतु इस्तेमाल होती हैं।
प्रमुख मिसाइलें:
- आकाश मिसाइल:
- मध्यम दूरी की मिसाइल।
- 25-30
किमी रेंज।
- भारत में स्वदेशी रूप से विकसित।
- QRSAM
(Quick Reaction Surface-to-Air Missile):
- मोबाइल प्लेटफॉर्म से दागी जाने वाली।
- 30 किमी तक की रेंज।
- Barak-8 (भारत-इजराइल संयुक्त परियोजना):
- 70–100
किमी रेंज।
- सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल।
7. पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइलें (Submarine-Launched Ballistic
Missiles - SLBM)
ये मिसाइलें जल में छिपी पनडुब्बियों से दागी जाती हैं और भारत की सेकेंड स्ट्राइक क्षमता का प्रमुख हिस्सा हैं।
प्रमुख मिसाइलें:
- K-15
(Sagarika):
- रेंज: 750 किमी।
- INS
Arihant पनडुब्बी से दागी जाती है।
- K-4
मिसाइल:
- रेंज: 3,500 किमी।
- परमाणु क्षमता से युक्त।
🔰 निष्कर्ष (Conclusion)
भारत ने मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। विभिन्न प्रकार की मिसाइलों का विकास भारत की सुरक्षा रणनीति, प्रतिरक्षा नीति, और वैश्विक कूटनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वदेशी तकनीक और DRDO की रिसर्च के माध्यम से भारत आने वाले वर्षों में और भी उन्नत मिसाइल प्रणाली विकसित करने की दिशा में अग्रसर है।
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