List of Hindu Scriptures
हिंदू धर्म के शास्त्र (Hindu Scriptures) अत्यंत विस्तृत और विविध हैं। इन्हें मुख्य रूप से चार वर्गों में विभाजित किया जाता है: श्रुति, स्मृति, पुराण, और अन्य ग्रंथ। नीचे इन सभी ग्रंथों की एक व्यवस्थित सूची दी गई है — हिंदी में:
सबसे प्राचीन और सर्वोच्च माने जाने वाले ग्रंथ
🔹 वेद (4 मुख्य वेद)
1.
ऋग्वेद
मुख्य विषय:
- देवताओं की स्तुति (इंद्र, अग्नि, वरुण, सोम आदि)
- प्रकृति और ब्रह्मांड की रहस्यमयी शक्तियों की प्रशंसा
- यज्ञ के महत्व
- जीवन के आरंभिक दर्शन
मुख्य संदेश:
- ब्रह्मांड एक रहस्य है, जिसे जानना मानव का परम लक्ष्य है।
- ईश्वर (या ब्रह्म) अनेक रूपों में प्रकट होता है।
- “एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति” — सत्य एक है, ज्ञानी उसे अनेक रूपों में बताते हैं।
वेद का स्वरूप:
- यह सबसे प्राचीन वेद है।
- इसमें लगभग 1028 सूक्त (हिम्स) हैं।
2.
यजुर्वेद
मुख्य विषय:
- यज्ञों की विधियाँ और कर्मकांड की व्यवस्था
- मंत्रों का समुचित प्रयोग
- समाजिक और धार्मिक आचरण के नियम
मुख्य संदेश:
- “कर्म ही धर्म है” — श्रेष्ठ कर्म से ही मनुष्य महान बनता है।
- जीवन में अनुशासन, दान, और यज्ञ अत्यंत आवश्यक हैं।
वेद का स्वरूप:
- यह दो भागों में विभाजित है:
- कृष्ण यजुर्वेद (अस्पष्ट एवं मिश्रित)
- शुक्ल यजुर्वेद (स्पष्ट और व्यवस्थित)
3.
सामवेद
मुख्य विषय:
- ऋग्वेद के मंत्रों का गायन स्वरूप
- यज्ञों में गाए जाने वाले गीत
- भक्ति एवं सौंदर्य की अनुभूति
मुख्य संदेश:
- “संगीत के माध्यम से आत्मा को परमात्मा से जोड़ो।”
- भक्ति और भावनाओं के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति संभव है।
- उपासना का सर्वोत्तम मार्ग — प्रेमपूर्वक गायन।
वेद का स्वरूप:
- इसे “भारतीय संगीत का मूल स्रोत” माना जाता है।
- मुख्यतः गायन पर केंद्रित है।
4.
अथर्ववेद
मुख्य विषय:
- जीवन के व्यावहारिक पहलू (रोग, विवाह, जादू-टोना, सुख-शांति)
- समाज, चिकित्सा, राजनीति और विज्ञान की झलक
- तंत्र, मंत्र, औषधि, और आयुर्वेदिक ज्ञान
मुख्य संदेश:
- “जीवन के हर पहलू में धर्म का समावेश होना चाहिए।”
- स्वास्थ्य, शांति और समाजिक समरसता के लिए ज्ञान आवश्यक है।
- आध्यात्म और व्यवहार में संतुलन।
वेद का स्वरूप:
- इसमें ऋग्वेद से अलग अनेक सूक्त हैं जो आम जनजीवन से जुड़े हैं।
- इसे “सामान्य जीवन का वेद” भी कहा जाता है।
✨ सार रूप में:
वेद |
विषय |
उद्देश्य |
मुख्य संदेश |
ऋग्वेद |
ज्ञान व स्तुति |
ब्रह्म और देवताओं की स्तुति |
सत्य एक है, रूप अनेक |
यजुर्वेद |
यज्ञ व कर्मकांड |
कर्म और धर्म का संतुलन |
श्रेष्ठ कर्म से ही उन्नति |
सामवेद |
संगीत व भक्ति |
ईश्वर की भावनात्मक उपासना |
संगीत से आत्मा का उन्नयन |
अथर्ववेद |
व्यवहार व स्वास्थ्य |
समाज, चिकित्सा, तंत्र आदि |
जीवन का पूर्ण संतुलन |
प्रत्येक वेद के अंतर्गत होते हैं:
- संहिता (मंत्र)
- ब्राह्मण (कर्मकांड)
- आरण्यक (वन में अध्ययन)
- उपनिषद (ज्ञानकांड/दर्शन)
🔹 उपनिषद (108 से अधिक)
- ईशोपनिषद
- केन उपनिषद
- कठ उपनिषद
- मुण्डक उपनिषद
- माण्डूक्य उपनिषद
- प्रपञ्चोपनिषद आदि
📗 2. स्मृति (Smriti) — ऋषियों द्वारा रचित ग्रंथ
व्यवहारिक और सामाजिक नियम
🔹 धर्मशास्त्र / स्मृतियाँ
1.
मनुस्मृति
2.
याज्ञवल्क्य स्मृति
3.
नारद स्मृति
4.
पराशर स्मृति
5.
गौतम स्मृति
📙 3. पुराण (Puran) — इतिहास और भक्ति पर आधारित ग्रंथ
कुल 18 मुख्य पुराण और 18 उपपुराण
🔹 18 महापुराण
1.
ब्रह्मा पुराण
2.
पद्म पुराण
3.
विष्णु पुराण
4.
शिव पुराण
5.
भागवत पुराण
6.
नारद पुराण
7.
मार्कण्डेय पुराण
8.
अग्नि पुराण
9.
भविष्य पुराण
10.
ब्रह्मवैवर्त पुराण
11.
लिंग पुराण
12.
वाराह पुराण
13.
स्कन्द पुराण
14.
वामन पुराण
15.
कूर्म पुराण
16.
मत्स्य पुराण
17.
गरुड़ पुराण
18.
ब्रह्माण्ड पुराण
🔹 18 उपपुराण
(जैसे— संख्यायन, कालिका, महेश्वर, नारसिंह, आदि)
📕 4. इतिहास (Itihas)
धार्मिक इतिहास और जीवन की शिक्षा
1.
रामायण — महर्षि वाल्मीकि द्वारा
2.
महाभारत — वेदव्यास द्वारा
o इसके अंदर भगवद्गीता (700 श्लोक)
📒 5. दर्शनों के शास्त्र (Darshan Shastra)
हिन्दू दर्शन की 6 प्रमुख शाखाएँ
1.
न्याय दर्शन — गौतम ऋषि
2.
वैशेषिक दर्शन — कणाद ऋषि
3.
सांख्य दर्शन — कपिल ऋषि
4.
योग दर्शन — पतंजलि
5.
पूर्व मीमांसा — जैमिनि
6.
उत्तर मीमांसा (वेदांत) — बादरायण (व्यास)
📚 6. अन्य प्रमुख ग्रंथ
- आगम शास्त्र (शैव, वैष्णव, शाक्त परंपरा में)
- तंत्र ग्रंथ
- भक्ति साहित्य — सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई, कबीर आदि की रचनाएँ
- नाट्य शास्त्र — भरतमुनि
- अर्थशास्त्र — चाणक्य
- धर्मसूत्र — आपस्तम्ब, बौधायन
- सूक्त, स्तोत्र, चालीसा — हनुमान चालीसा, विष्णु सहस्रनाम, शिव तांडव, आदि
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